सोनपुर (छपरा) मेले में इस बार दिखेगी बिहार के बदलते स्वरूप की झलक, 13 नवंबर से होगा भव्य आगाज़
विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेला इस बार पहले से कहीं अधिक आधुनिक और भव्य होगा। 13 नवंबर से शुरू होने जा रहे इस मेले में बदलते और विकसित होते बिहार की झलक देखने को मिलेगी। इस मेले में इस बार परंपरागत पशु बाजार की जगह पर आधुनिक वाहनों जैसे बाइक, कार और ट्रैक्टर के स्टॉल लगाए जाएंगे, जो ग्रामीण और शहरी जनता दोनों के लिए एक नया अनुभव होगा।
सोनपुर मेले की खासियत इस बार यह होगी कि यहाँ बिहार के विकास कार्यों की झलक भी दिखाई जाएगी। पुल, फ्लाईओवर, सड़कें, जल जीवन हरियाली और अन्य विकास योजनाओं से जुड़ी सरकारी प्रदर्शनी विशेष स्टॉलों के माध्यम से प्रस्तुत की जाएगी। इन मॉडल्स के माध्यम से मेले में आए लोग राज्य में हुए प्रगति कार्यों को करीब से देख सकेंगे और बिहार के विकास की दिशा को समझ सकेंगे।
महिलाओं और बच्चियों के लिए विशेष इंतजाम
इस बार मेले में महिलाओं और बच्चियों के लिए महिला विकास निगम द्वारा नि:शुल्क फिल्म दिखाने की भी व्यवस्था की गई है। यह फिल्म महिलाओं पर केंद्रित होगी और मेले में महिलाओं को विशेष सम्मान और सुरक्षा के साथ इस अनुभव का आनंद लेने का मौका मिलेगा। इस कदम से बिहार सरकार महिलाओं की जागरूकता और शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में भी कार्य कर रही है।
आधुनिकता और पारंपरिकता का मिलेगा संगम
सोनपुर मेला इस बार सिर्फ परंपराओं तक सीमित नहीं रहेगा। पारंपरिक दुकानों के बजाय प्रसिद्ध ब्रांड्स और कंपनियों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे, जो लोगों को आधुनिक खरीदारी का अनुभव देंगे। इस बार थियेटर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा, जहाँ विभिन्न कलात्मक प्रस्तुतियों के माध्यम से लोग बिहार की संस्कृति और कला का आनंद ले सकेंगे।
सरकारी और गैर-सरकारी प्रदर्शनी
मेला परिसर में सरकारी और गैर-सरकारी प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें राज्य के विभिन्न विभागों और गैर-सरकारी संगठनों द्वारा किए गए कार्यों को प्रदर्शित किया जाएगा। इससे राज्य के नागरिकों को सरकार की नीतियों और योजनाओं के बारे में जानकारी मिलेगी और वे खुद को राज्य के विकास में भागीदार महसूस करेंगे।
हरि और हर की भूमि पर आस्था का संगम
हरि और हर की पावन भूमि पर हर साल लगने वाला यह मेला इस बार आधुनिकता, आस्था और लोकसंस्कृति के अद्वितीय संगम के रूप में उभरेगा। सोनपुर मेला बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को संजोते हुए बदलते समय के साथ कदम मिलाकर चलने का संदेश देगा। मेले में आए हर व्यक्ति को इस बार बिहार के विकास की झलक देखने को मिलेगी और वह बदलते बिहार का हिस्सा बनकर गर्व का अनुभव करेगा।